आदि शंकराचार्य

अद्वैत वेदांत के महान संत और दर्शनशास्त्री

आदि शंकराचार्य: अद्वैत वेदांत के प्रणेता

आदि शंकराचार्य महान भारतीय दार्शनिक और संत थे। उनका जन्म 788 ईस्वी में केरल के कालड़ी गांव में हुआ। उन्होंने अद्वैत वेदांत का प्रचार किया और सनातन धर्म को पुनर्जीवित किया।

छोटी उम्र में प्राप्त ज्ञान

शंकराचार्य ने मात्र 8 वर्ष की आयु में वेदों और उपनिषदों का अध्ययन कर लिया था। उन्होंने अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद से शिक्षा प्राप्त की और ज्ञान योग को समझा।

"अहं ब्रह्मास्मि" का सिद्धांत

आदि शंकराचार्य ने अद्वैत वेदांत का प्रचार किया, जिसमें बताया गया कि आत्मा और परमात्मा एक ही हैं। "अहं ब्रह्मास्मि" (मैं ब्रह्म हूं) का संदेश आत्मा की अद्वितीयता को दर्शाता है।